
एससी एसटी ओबीसी हिन्दूओं के लिए खुशखबरी शिक्षा के अधिकार से मुक्ति की शुरुआत।
एससी एसटी ओबीसी हिन्दूओं के लिए खुशखबरी शिक्षा के अधिकार से मुक्ति की शुरुआत।
भाजपा का विकास मॉडल ग़रीबों से, खासकर SC, ST और OBC बच्चों से, शिक्षा का अधिकार छीनने वाला मॉडल है।उत्तर प्रदेश में 5,000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं। 2014 से अब तक देशभर में 84,441 सरकारी स्कूल बंद किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश तीन BJP शासित राज्यों – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम में बंद हुए हैं।यह सिर्फ स्कूल बंद करना नहीं है, बल्कि संविधान में दिए गए शिक्षा के अधिकार से शिक्षा लेना मुश्किल हो गया है। गरीब परिवार रोजगार के अभाव में निजी शिक्षण संस्थानों स्कूलों में अपने बच्चों को नही पढा सकता है। राज्य सरकार की ओर से हर गांव में अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि गरीब परिवार के बच्चे को शिक्षा बगैर परेशानी से मिलती रहे घर तक पहुंचाया जा सके।बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा। शिक्षा लेना गरीबो का जन्म सिद्ध अधिकार मात्र सपना बनता जा रहा है।आज शिक्षा ही छीनी जा रही है। सरकारी स्कूल बंद किये जा रहे है । गरीब का का बच्चों ने पढ़के क्या करेंगे गरीबो के बच्संचों को हल चलाना सिखना चाहिए ताकि खेती कर अच्छा अनाज उगा सकें और गांव के पूंजीपतियों साहुकार ठाकुरो की सेवा चाकरी करें। भाजपा राज्य शासन में हिन्दू ब्राह्मणी मनुस्मृति समाज का संविधान चलता है। और मनुस्मृति समाज संविधान में गरीब एससी एसटी ओबीसी बहुजन समाज के लोगों को पढ़ने लिखने अच्छी नोकरी करने का अधिकार नही है। सरकारी शिक्षण सस्थानों शिक्षक सड़क पर आ गए है। सरकारी शिक्षण संस्थानों को बंद करने के खिलाफ छात्र और शिक्षक सड़कों पर हैं, मगर सरकार उनकी आवाज़ सुनने के बजाय उन्हें सताने और शिक्षा व्यवस्था को और कमज़ोर करने में जुटी है। जबकि ज़रूरत इसे मजबूत करने और हर बच्चे तक समान, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने की है।