
पालि भाषा को स्कुली पाठ्यक्रम में लागू करने की अपील
पालि भाषा को स्कुली पाठ्यक्रम में लागू करने की अपील प्रदेश केन्द्र सरकार से की है।
पालि भाषा शुद्ध भारत की प्राचीन प्राकृतिक और पवित्र भाषा है। प्राचीन और पवित्र भाषा में बुद्ध वाणी संग्रहीत और संरक्षित है।यह हमारे सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत का आधार है।जातक कथाएं, धम्मपद,मिलिन्दपज्ञ्ह,सुतनियत्त जैसे ग्रंथ नैतिकता, करुणा, समानता और वैश्विक शांति के मुल्य सिखाते है।इनका अध्ययन बच्चों में नैतिक आचरण तार्किक सोच तार्किक समझ को विकसित करता है। दुर्भाग्य की बात है कि भारत के लगभग 70 शिक्षा बोर्डो में से किसी ने भी अबतक 6 से 12 तक पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है। जबकि प्राचीन वैदिक संस्कृत विकसित विदेशी युरोपीय ब्राह्मणी आर्यो की भाषा है ऋगवेद पुराण भागवत रामायण की काल्पनिक अंधविश्वासी कथाएं परोसता है।जिसको शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। भारत की प्राचीन शुद्ध देसी भारतीय पालि भाषा को शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की अपील प्रदेश केन्द्र सरकार से की है ।