शोभा पुर कालोनी पाथाखेड़ा सारनी में डाॅ बाबा साहेब आंबेडकर का 68 वे महापरिनिर्वाण दिवस में श्रद्धांजलि पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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शोभापुर कालोनी पाथाखेड़ा सारनी में डाॅ बाबा साहेब आंबेडकर को 68 वे महापरिनिर्वाण दिवस पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

शोभापुर कालोनी पाथाखेड़ा सारनी आम्बेडकर अनुयायियों ने क्रांतिसुर्य विश्व रत्न संविधान निर्माता दलितों के मसिहा डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के 68 वे महापरिनिर्वाण दिवस पर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी अभिवादन किया।। पश्चात बाबा साहेब आंबेडकर के जीवन पर विचार व्यक्त किये गये। शोभापुर कालोनी में महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ बाबा आम्बेडकर को पुष्प माला अर्पण कर श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से श्री कलिराम पाटिल, श्रीमती लक्ष्मी चंदेलकर, त्रिलोक लोखंडे, श्रीमती सरोज लोखंडे, जसवंतिभालेकर, संगीता कापसे,शकुन वरवड़े,कमला आठनेर, भाउराव आठनेर श्रीमती गुम्फा आठनेर आदि थे।शाम के समय मोमबत्ती प्रज्वलित कर रैली निकाली गई। सारनी में त्रिरत्न बुद्ध विहार के लोगों ने परिनिर्वाण दिवस पर डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जिसमें श्री नारायण चौकीकर, मुन्ना कापसे,किरण तायड़े राकेश मसाले, विठ्ठल ढोके, निर्माण डोंगरे, दीनानाथ चौकीकर नंदकिशोर सोनारे आदि थे।व्यक्त हुए कि बाबा साहेब आंबेडकर विदेश में पढ़ने वाले दलित समाज के पहले व्यक्ति थे उच्च शिक्षित विद्वान व्यक्ति थे, अंधविश्वास पाखंडवाद मानसिक गुलामी से मुक्ति कल्याण के लिए बौद्ध धम्म और अधिकार के लिए संविधान लिखकर दिया। तमाम देशों के संविधान का अध्ययन कर विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान बनाकर दिया। हितकारिणी महासभा, समता सैनिक दल, डिफरेंस क्लासेस, इंडिपेंडेंट लेवर पार्टी, शेड्यूल कास्ट फेडरेशन और भारतीय रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया। स्वाभिमानी व्यक्ति थे, हिन्दू कोड बिल नेहरु सरकार ने नहीं मानने से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बुद्ध कबीर और ज्योतिबा फुले उनके गुरु थे। पढ़ने के बहुत शौकीन थे, अंतिम समय में पचास हजार पुस्तकें उनके पास मिली थी, बुद्ध और उनका धम्म अंतिम पुस्तक ग्रंथ का लेखन किया था। बाबासाहेब आंबेडकर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने नालेज आफ सिम्बाल से सम्मानित किया है।

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