पाठकों को स्वतंत्र चिंतन के लिए प्रेरित करती “मदनी की महक” पुस्तक का हुआ लोकार्पण
बैतूल। बैतूल के समृद्ध नवगीतकार भीमराव जीवन के बहुचर्चित नवगीतों का संकलन “मदनी की महक” का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला-2025 प्रगति मैदान नई दिल्ली के हाल क्रमांक 2 में श्वेतवर्णा प्रकाशन के स्टाल एम 09 पर वरिष्ठ कवि भारतेन्दु मिश्र, अनिरुद्ध सिन्हा, डाॅ.अमर पंकज, डॉ.रेणु झा, शारदा सुमन, लखनऊ की सुप्रसिद्ध नवगीत की हस्ताक्षर कवियित्री श्रीमती अनामिका सिंह, कविताकोश के सहायक निदेशक एवं श्वेतवर्णा प्रकाशन के संचालक राहुल शिवाय की उपस्थिति में किया गया। बैतूल के गौठाना निवासी कवि भीमराव जीवन ने इस पुस्तक में 70 गीतों को प्रकाशित किया है, जो मात्र लोकरंजन की विषयवस्तु ने होकर पाठकों को स्वतंत्र चिंतन के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने अपने गीतों की भावभूमि में उन सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक विसंगतियों को चुना है, जो शोषितों, वंचितों, गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, किसानों और नारियों के सहज जीवन के मार्ग को कंटकाकीर्ण बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। कवि ने अपने गीतों के माध्यम से इन विसंगतियों से मुठभेड़ कर जड़ से उखाड़ने का पुरजोर प्रयास किया है। कवियित्री अनामिका सिंह ने इन गीतों को साहसिक अभिव्यक्तियां बताया है। वहीं भारतेन्दु मिश्र ने इस गीत संग्रह को साहित्य सागर का एक बहुमूल्य रत्न करार दिया है।
—पूर्व में भी मिल चुके है कई सम्मान—
उल्लेखनीय है कि कवि भीमराव जीवन पीएम श्री एकीकृत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाथाखेड़ा में शिक्षक के पद पर पदस्थ है। कवि भीमराव ने पिछले वर्ष एक सांझा संकलन, आयुर्वेद को जाने विश्व कीर्तिमान ग्रंथ का प्रकाशन किया, जिसे गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्होंने छंद शिल्पी, कविता लोक भूषण, शब्द-श्री, मुक्तक-श्री, छंद-श्री, गीतिका- श्री, गीत-श्री, मुक्तकलोक, उपविजेता कलाम के जादूगर मंच से, पोएट ऑफ द ईयर का सम्मान अपने नाम किया है। इस अनमोल धरोहर के लिए बैतूल के साहित्य प्रेमियों एवं साहित्यकारों ने उन्हें बधाई दी हैं।