चुनावी संग्राम में राजनैतिक दलों का चुनावी तिकड़मी पैंतरे बाजी आरोप प्रत्यारोप शुरू।

Spread the love

चुनावी संग्राम में राजनैतिक दलों का चुनावी तिकड़मी पैंतरे बाजी आरोप प्रत्यारोप  शुरू। 

लोकसभा चुनाव के मतदान का शंखनाद और राजनीतिक दलों का चुनावी संग्राम शुरू हो चुका है।19 अप्रैल को चुनाव के मतदान का पहला चरण का समापन हुआ ,मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट ,मंडला, छिंदवाडा 6 लोकसभा के लिए पहले चरण के वोटिंग 67.8 प्रतिशत जो 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 7.5 कम हुआ है। सुत्र कहते है कि जब मतदान प्रतिशत बढ़ा भाजपा को प्रतिशत ज्यादा रहा और फायदा मिला है।मतदान के पहले चरण के कम प्रतिशत ने भाजपा संशय में है।लोकसभा के दुसरे चरण का वोटिंग 26 अप्रैल  होगा, म.प्र.का दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद लोकसभा सीटों पर मतदान होगा,मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस भाजपा  ही है। राजनीतिक दलों ने चुनावी माहौल को पक्ष करने के लिए तिकड़मी पैंतरे बाजी एंडी चोटी का जोर शुरू हो गया है इस बार के चुनाव में रोजगार,मंहगाई  से कोई मुद्दा नही है। संविधान बचाओ और विकास मुद्दा है विपक्षियों को भ्रष्टाचार में फंसाने का डर जेलों में डालना मानसिक रूप से प्रताड़ित करना विपक्षियों दलों को तोड़ना कमजोर करना भ्रष्टाचार लिप्त लोगों को साफ सुथरा का प्रमाण देकर अपने पाले लाना दे, उधोगपतियो को बढ़ावा देना है एक तरफ 400 पार संविधान को बदलने की  बयान बाजी हो रही है।विकास के नाम पर सार्वजनिक उपक्रमों को बेच जा रहा है। टैक्स जीएसटी बेरोजगारी महंगाई ने आम लोगों का जीना दुभर है, गरीब और गरीब होता जा रहा है। हिंदू मुस्लिम करते सम्प्रदाय को बढ़ावा दिया जा रहा है।देश की समानता स्वतंत्रता और भाईचारा खतरे में है,लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। विकास के नाम एससी-एसटी उप योजना की राशि में कटौती आदिवासी क्षेत्रों की भूमि का आवंटन उधोगपति को चुनाव के वक्त में प्लांट और फेक्ट्री लगाने का ढिंढोरा, छुआ छूत जातिवाद धर्म-कर्म के नाम पर अत्याचार को जरूर ध्यान में इस बार वोटर रखने वाला है। बाबा साहेब आंबेडकर को काबीलियत पर संविधान लिखने का मौका मिला, कांग्रेस में कभी शामिल नही हुए हर समय बेइज्जती का सामना किया है लोकसभा में जाकर सेवा करने इच्छा से दो बार चुनाव में हराकर बेइज्जत किया है और आज भी आंख में आंख डालकर प्रश्न बात करने आम्बेडकरी पिछड़े शोषित पीड़ित वंचित संगठन के स्वाभिमानी नेताओं की अनदेखी की जाती हंसिए पर रखा हुआ है।देश के प्रमुख मनुवादी जातिवादी दल स्वार्थी पिछलगू बेहरे गुंगे को अपना उम्मीदवार घोषित करती है।

Previous post चुनाव ड्यूटी दौरान कर्मचारी के निधन दुःखत घटना शासन प्रशासन ने गंभीरता से लेना चाहिए।
Next post भाजपा का मोदी के नाम वोट कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम के लिये सुनहरा मौका।