
सारनी त्रिरत्न बौद्ध बिहार में रमाबाई जयंती पर समारोह संपन्न।
सारनी त्रिरत्न बौद्ध बिहार में रमाबाई जयंती पर समारोह संपन्न।
सारनी। त्रिरत्न बौद्ध विहार, सारनी में माता रमाई की जयंती भव्य श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि आयुष्यमति सीमा कैथवार (सारनी) थीं, जबकि मुख्य वक्ता आयुष्यमति उर्मिला उभनारे ताई (बैतूल) थीं। कार्यक्रम में आम्रपाली दहाट, चौकी प्रभारी (घोड़ाडोंगरी) भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत तथागत भगवान बुद्ध और बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण और मोमबत्ती प्रज्वलित कर की गई। तत्पश्चात, पुज्य भंतेजी ने उपासक एवं उपासिकाओं को त्रिसरण और पंचशील का उपदेश प्रदान किया।
मुख्य वक्ता आयुष्यमति उर्मिला उभनारे ताई ने माता रमाई के जीवन संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने केवल 37 वर्ष की अल्पायु में असाधारण संघर्ष किया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी बाबासाहेब को हर कदम पर सहयोग दिया, घर-परिवार की कठिनाइयों को सहन किया और समाज परिवर्तन के पथ पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं। रमाई ने आर्थिक प्रबंधन, संतानों की देखभाल और सामाजिक न्याय की मशाल जलाए रखी। विशिष्ट अतिथि आयुष्यमति सीमा कैथवार जी ने अपने संबोधन में कहा कि माता रमाई केवल बाबासाहेब की धर्मपत्नी ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण दलित समाज की प्रेरणा थीं। उनके संघर्षों से हमें यह सीख मिलती है कि परिवर्तन अकेले संभव नहीं होता, उसके लिए समर्पण, धैर्य और सहयोग की आवश्यकता होती है।
आम्रपाली दहाट ने भी रमाई के त्याग और बलिदान को समाज के लिए एक अमिट प्रेरणा स्रोत बताया।
पुज्य भंतेजी ने इस अवसर पर कहा कि हमें धम्म को आचरण में लाने की आवश्यकता है। उन्होंने रमाई के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में समानता और न्याय की स्थापना का आह्वान किया। उन्होंने पंचशील का पालन करने और आधुनिक समाज में नैतिक मूल्यों को अपनाने पर बल दिया।
*आगामी विशेष कार्यक्रम की घोषणा*
कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि 29 नवंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक बुद्धगया में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित होगा, जो कि भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाएगा। पहले यह आयोजन विदेशों में होता था, लेकिन अब यह हमारे देश के नेतृत्व में होगा, जो बौद्ध समाज के लिए गौरव का विषय है।
सम्मान और समापन
कार्यक्रम का सफल संचालन ममता चौकीकर ने किया और अंत में महिला मंडल की अध्यक्षा आयुष्यमति सीता नागले ताई ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में उपस्थित उपासिकाएँ:
कुमारी प्रांजल राऊत
कुमारी अक्षदा मेश्राम
कुमारी भूमि नागले
आयुष्यमति दक्षता मेश्राम,
कंचना ढोके,संगीता तायडे,
कांता मुझमुले,जया राऊत,
माधुरी गजभिये,कमल गजभिये,मनीषा महाले,
सुजाता खेडकर,कंचन भालेराव,सविता सिरसाट
नीलिमा मुझमुले,प्रिया सहारे,शिला वाहने,
दुर्गा पाटिल,संगीता चौकीकर,सविता डोंगरे,
गीता मेश्राम,रोशनी गजभिये,सुशीला खात्रीकर,
अनिता लोखंडे,निर्मला जाऊलकर, त्रिशला रामटेके,रीता खातरकर,
पुष्पा खातरकर,सत्यकला मेश्राम,छाया झरबडे,
संघमित्रा पाटिल,चन्दकला सिरसाट,ममता चौकीकर,
सीता नागले,सुखवंती खातरकर,रेखा मालवी,
कमला आथनकर,छाया अतुलकर, किरण तायड़े