
14 अप्रैल 133 वी जयंती जीवन लम्बा नही महान होना चाहिए – बाबा साहेब आंबेडकर
14 अप्रैल 133 वी जयंती जीवन लम्बा नही महान होना चाहिए – बाबा साहेब आंबेडकर
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पुरे हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बाबा साहेब आंबेडकर ने जीवन भर दलितों के उत्थान के लिए संघर्षरत रहे। अपने दलित समाज के वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पुरी शिक्षा ग्रहण की और वकील बनने के लिए इंग्लैंड गये थे। बाबा साहेब आंबेडकर भारत के संविधान निर्माता थे, वर्ष 1990 में मरणोपरांत देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान भारत रत्न भारत सरकार ने दिया। बाबा साहेब महान समाज सुधारक चिंतक कानून विशेषज्ञ आर्थिक विशेषज्ञ बहुभाषी वक्ता संपादक पत्रकार मजदूर नेता थे। बाबा साहेब को नालेज आफ सिंबाल सम्मान दिया गया है। उन्होंने शिक्षा को महत्व दिया और कहा कि शिक्षा वो शेरनी का दुध है जो उसे पियेगा वह दाहडेगा शिक्षित बनो संगठित रहो फिर संघर्ष करने का मंत्र दिया। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा कि मनुष्य धर्म के लिए नही बल्कि धर्म मनुष्य पर आधारित होना चाहिए।वे उस धर्म को पंसद करते थे, जिसमें स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा हो। उन्होंने कहा कि जीवन लम्बा नही महान होना चाहिए। अपना घर कैसा भी टुटा फुटा झोपड़ा ही क्यों न हो अपना ही होता है, किराया के घर से निकलने के बाद आसानी से अपने घर में आ सकते है।