
अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना बजट एक्ट कानून बनाने की मांग।
अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना बजट एक्ट कानून बनाने की मांग।
सरकार की ओर से अनुसूचित जाति (SCSP) उपयोजना अनुसूचित जनजाति (TSP) उपयोजना में अनुसूचित जाति जनजाति के विकास कल्याण के लिए प्रति वित्त वर्ष करोड़ रुपए की निधि आवंटित होती है। लेकिन राष्ट्रीय विकास मसौदा समिति के दिशा निर्देश के तहत खर्च नही किया जाता है। लापरवाही धोखाधड़ी का सिलसिला जारी है। शहरी विकास के लिए खर्च किया जाता है। नगर निकायो को ऋण दिया जाता है। पुलिस थानों के बावड्रीवाल तालाबों और मेट्रो लाइन निर्माण के कार्य हाइवे सड़क बिजली मंदिर धार्मिक उत्सवों कुम्भ मेला आईपीएल में अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना निधि का दुरुपयोग होता है। राष्ट्रीय विकास मसौदा समिति का दिशा निर्देश है कि प्रति वित्त वर्ष में आवंटित निधि राशि का अनुसूचित जाति जनजाति के आर्थिक विकास, गंदी बस्ती के उन्मूलन,आवास योजना शिक्षा स्वास्थ्य पर खर्च किया जाना है। नेशनल एलाइंस सोशल जस्टिस मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता निर्मलदास मानकर आम्बेडकरी सामाजिक कार्यकर्ता कलिराम पाटिल ने अनुसूचित जाति जनजाति उपयोजना एक्ट कानून अधिनियम राज्य और केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाना चाहिए मांग की है। एक्ट कानून अधिनियम बनने से योजना की निगरानी होगी, नीति निर्देशो का प्रभावी ढंग से लागू और वार्षिक बजट योजना बनाने में मदद मिलेगी, सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही जिम्मेदारी निर्वाह इमानदारी से होगी लापरवाही से कड़ी कार्रवाई होगी। यहां उल्लेखनीय है कि तैलंगाना राज्य में विगत वर्ष में अनुसूचित जाति जनजाति बजट उप योजना कानून अधिनियम बनाकर लागू कर दिया है। जिससे अनुसूचित जाति के वंचित समुदाय को लाभ होने से खुशहाली का जीवन जी रहे है।14 अप्रैल आम्बेडकर जयंती से अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना बजट एक्ट कानून बनाने के लिए जनजागृति अभियान चलायें जाने मुहिम चलाई जा रही है।