अच्छी उपयुक्त उच्च शिक्षा न देकर साक्षरता से गुलामों की फौज तैयार हो रही है।

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अच्छी उपयुक्त उच्च शिक्षा न देकर साक्षरता से गुलामो की फौज तैयार हो रही है।

शिक्षित व्यक्ति विवेकशील तर्कशील नीतिगत शीलवान करुणाधारी दयावान न्यायप्रिय वैज्ञानिकवादी होता है।शिक्षित व्यक्ति स्वाभिमानी और स्वतंत्र होता है। शिक्षा से व्यक्ति में व्यक्तिगत मानवता विकसित होती,रहन सहन का बदलाव होता है आर्थिक विकास होता है। गरीब, बेकारी, बेरोजगारी सब खत्म होता है।जो भी  विकास हुआ है शिक्षा की वजह से होता  है। डॉ बाबा साहेब आंबेडकर को उच्च शिक्षित विद्ववता की वजह से संविधान लिखने का मौका मिला हाल ही में बी आर गवई दलित समाज का व्यक्ति सुप्रीमकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बने शिक्षा की वजह से शिक्षा का मौलिक अधिकार है। लेकिन शिक्षा एक समान नही है एक समान शिक्षा नही होने से भेदभाव हीन भावना पैदा हो रही है। शिक्षा से छुआ छुते भेदभाव अंधविश्वास पाखंडवाद परम्परा को खत्म किया जा सकता है। मौलिक अधिकार में शिक्षा गरीबों के लिए अलग और अमीरों के लिए अलग चल रही है। साक्षरता पर जोर दिया जा रहा है।गरीबो को अनपढ़ रखने की साज़िश चल रही है।छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के निशुल्क सरकारी शिक्षण संस्थान धीरे-धीरे बंद हो रहे है।मंहगे शुल्क वाले शिक्षण संस्थाए दीन दुगनी चार चौगुनी विकसित हो रही है। पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब गरीब के बच्चों के लिए मात्र सपना भर गया है।हर अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे से अच्छा स्कूलों में पढ़ाने इच्छा रखता है भरसक प्रयास कर रहा है,समझ रहा कि बच्चा उच्च शिक्षित होगा तो उसका भविष्य भी उज्जवल होगा लेकिन बच्चे शिक्षित न होकर साक्षर बन रहे, गुलामों की फौज तैयार हो रही है।

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