
आदिवासी अत्याचार घटनाओं के खिलाफ आदिवासी सांसद का कोई सवाल जवाब नही। आदिवासी उत्पीड़न घटनाओं के खिलाफ के सवाल पर निकम्मा रहे है ?
आदिवासी अत्याचार घटनाओं के खिलाफ आदिवासी सांसद का कोई सवाल जवाब नही। आदिवासी उत्पीड़न घटनाओं के खिलाफ के सवाल पर निकम्मा रहे है ?
पिछले एक डेढ़ महीने फरवरी महीने में घोड़ाडोंगरी ब्लाक के बासपानी ग्राम के रहने वाले दो आदिवासी युवकों को उधार लेने विवाद के चलते कमरे में उल्टा लटकाकर बेल्ट चप्पल डंडे से पिटाई, पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले आदिवासी युवक को नग्न कर बेहरमी से मारपीट,गौ तस्करी में वसुली के शक में निर्वस्त्र कर उल्टा लटकाकर बेल्ट लकड़ी से बेहरमी से पिटाई और आदिवासी युवक को बर्बरतापुर्वक मुर्गा बना कर लाती घुसो से पिटाई की घटनाओ के मामले में आदिवासी समुदाय के सांसद के मुंह से एक शब्द नही निकला है। आदिवासी उत्पीड़न घटनाओं के खिलाफ आदिवासी सांसद की ओर से कोई सवाल जवाब नही मिला है। आदिवासी सुरक्षित सीट से सांसद निकम्मे साबित हुए हैं।जनता का प्रतिनिधि जनता की बात की बात को आगे ले जाने वाला जनता क आदिवासी समाज के लिए मर-मिटने वाला स्वाभिमानी क्रांतिकारी आंदोलनकारी होता है। बगुला भगत पोंगा पंडित से स्वाभिमानी क्रांतिकारी आंदोलनकारी की अपेक्षा कैसी की जा सकती है।चापलूसी के सिवाय कुछ नही सोच सकते है। गायत्री परिवार से जुड़े रहना,भाजपा आरएसएस से करीबी कोई दूसरा काम नही रहा जिसका ही फायदा मिला है।पिछले एक डेढ़ महीने फरवरी महीने में घोड़ाडोंगरी ब्लाक के बासपानी ग्राम के रहने वाले दो आदिवासी युवकों को उधार लेने विवाद के चलते कमरे में उल्टा लटकाकर बेल्ट चप्पल डंडे से पिटाई, पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले आदिवासी युवक को नग्न कर बेहरमी से मारपीट,गौ तस्करी में वसुली के शक में निर्वस्त्र कर उल्टा लटकाकर बेल्ट लकड़ी से बेहरमी से पिटाई और आदिवासी युवक को बर्बरतापुर्वक मुर्गा बना कर लाती घुसो से पिटाई की घटनाओ के मामले में आदिवासी समुदाय के सांसद के मुंह से एक शब्द नही निकला है। आदिवासी उत्पीड़न घटनाओं के खिलाफ आदिवासी सांसद की ओर से कोई सवाल जवाब नही मिला है। आदिवासी सुरक्षित सीट से सांसद निकम्मे साबित हुए हैं।जनता का प्रतिनिधि जनता की बात की बात को आगे ले जाने वाला जनता क आदिवासी समाज के लिए मर-मिटने वाला स्वाभिमानी क्रांतिकारी आंदोलनकारी होता है। बगुला भगत पोंगा पंडित से स्वाभिमानी क्रांतिकारी आंदोलनकारी की अपेक्षा कैसी की जा सकती है।चापलूसी के सिवाय कुछ नही सोच सकते है। गायत्री परिवार से जुड़े रहना,भाजपा आरएसएस से करीबी कोई दूसरा काम नही रहा जिसका ही फायदा मिला है।