
पुस्तक कॉपियां वितरित कर भरोसा सेवा समिति ने मनाई ज्योतिबा फुले की जयंती आयोजित हुई संगोष्ठी
पुस्तक कॉपियां वितरित कर भरोसा सेवा समिति ने मनाई ज्योतिबा फुले की जयंती आयोजित हुई संगोष्ठी
सिरमौर। मप्र जन अभियान परिषद की लीड नवांकुर संस्था भरोसा सेवा समिति के द्वारा निर्मित कार्यालय, वाचनालय सह जन सूचना केंद्र सिरमौर में शिक्षाविद और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती का आयोजन किया गया, जिसमे ज्योतिबा फूले के विचारों पर प्रकाश डाला गया। भरोसा सेवा समिति के द्वारा निर्मित कार्यालय में विगत 6 माह से गरीब निर्धन समुदाय के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है, साथ इस भवन में बुजुर्गों के लिए चौपाल स्थल, पुस्तकालय सह वाचनालय, जन सुचना केंद्र, एवं बच्चों के लिए संगीत और खेल सुविधाओं से सुसज्जित इस परिसर में कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। केंद्र में प्रत्येक रविवार युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हार्टफुलनेस संस्था के सहयोग से सहजध्यान, और चिंतन सत्र का नियमित तौर पर आयोजन किया जा रहा है। केंद्र में शिक्षाविद और समाजसुधारक सत्यशोधक समाज के संस्थापक ज्योतिबा फुले की जन्म जयंती की शुरुआत ज्योतिबा फुले के चित्र पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित कर की गई, तत्पश्चात भारत के संविधान की प्रस्तावना का उपस्थित अतिथियों व बच्चों के वाचन किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए भरोसा सेवा समिति के अध्यक्ष व खैरहन सरपंच रजनीश कुशवाहा ने अतिथियों का स्वागत करते हुये, ज्योतिबा फुले द्वारा शिक्षा और समाजहित के क्षेत्र में किए गए कार्यों का स्मरण करते हुए कहा की वर्तमान स्थिति में ज्योतिबा फुले और अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं, जब दुनिया चांद पर पहुंच रही है, लेकिन देश के कई हिस्सों के निर्धन गरीब तबके के बच्चों का स्कूल तक का रास्ता तय कर पाना सम्भव नही हो पाया है। कार्यक्रम में उपस्थित सिद्धार्थ हायर सेकंडरी विद्यालय के प्राचार्य मुन्नीलाल वर्मा ने ज्योतिबा फुले को शिक्षा जगत का आदर्श बताया और उनके जीवन के संघर्ष और परिस्थितियों से बच्चों को सीख लेने और जीवन में अंगीकार करने की बात कही। उपस्थित सुखलाल कुशवाहा ने समाज में व्याप्त कुरुतियों को दूर करने तथा महिला पुरुषों को समान रूप से शिक्षा उपलब्ध करवाने की दिशा में ज्योतिबा फुले के द्वारा किए गए कार्यों को वर्तमान के लिए मील पत्थर बताया और उन्होंने कहा कि यदि ज्योतिबा फूले नहीं होते तो शायद समान शिक्षा और समतामूलक समाज निर्माण की दिशा में इतना प्रगतिशील कार्य संभव नहीं हो पाता। कार्यक्रम में क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश यादव द्वारा कहा गया की ज्योतिबा फुले के संघर्ष, सावित्रीबाई फुले के द्वारा स्थापित विद्यालय से जलाई गई ज्ञान ज्योति का ही परिणाम हैं जो पिछड़ों दलितों और महिलाओं को समान रूप से शिक्षा का अवसर मिल पा रहा है। आज हमारे देश की महिलाएं हर दिशा में झंडे गाड़ रही हैं, यह फूले जी के संघर्षों का ही परिणाम है।कार्यक्रम में उपस्थित वार्ड के पार्षद पति लक्ष्मण कुशवाहा ने ज्योतिबा फुले को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बच्चों की शिक्षा और उनके प्रति समाज के सुधार को के प्रति एक सम्मान का भाव पैदा करने को ही ज्योतिबा फुले को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। इस अवसर पर संस्था की शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कमलेश बुनकर द्वारा उपस्थित अतिथियों का आभार जताते हुऐ कहा की वह छात्रों को भविष्य में भी नियमित तौर पर निशुल्क शिक्षा देकर समाजहित में सहयोग करते रहेंगे, इस कार्य से उन्हे हार्दिक प्रसन्नता होती हैं। इस अवसर पर गरीब निर्धन समुदाय से आने वाले बच्चों को पुस्तक कॉपियों और पेंसिल वितरित की गई जिससे बच्चों के शिक्षा में सहयोग प्राप्त हो सके। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जन अभियान परिषद के छात्र आकांक्षा कुशवाहा, शुभकरण कुशवाहा, परामर्शदाता अनुपम अनूप सहित भारी संख्या में बच्चे और युवा सम्मिलित हुए।