
12 मई बैशाख पुर्णिमा तथागत भगवान गौतम बुद्ध की 2563263 वी जयंती!
12 मई बैशाख पुर्णिमा तथागत भगवान गौतम बुद्ध की 2563263 वी जयंती!
मन सब चीजों का प्रधान सर्वेसर्वा है।मन दुःख और समस्या का जनक है मन शुद्ध करुणा शील दयालु होना चाहिए।भगवान गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु शाक्य वंशज राजा शुद्धोधन के घर हुआ था, माता का नाम महामाया था। सिद्धार्थ गौतम के जन्म देते ही मृत्यु को प्राप्त हो गई थी। तथागत भगवान गौतम बुद्ध का नाम बुद्ध बनने के पुर्व राजकुमार सिद्धार्थ था उनका विवाह कोकिल्य वंशज 16 वर्षीय यशोधरा से हुआ था जिससे उनका एक राहुल नाम का पुत्र था। सत्य की खोज और प्राप्त करके सत्य पर चलने वाले और प्रेरित करने वाले राग द्वेष क्रोध तृष्णा से मुक्त करुणाधारी को तथागत कहा जाता है। तथागत बुद्ध काल्पनिक देवी देवताओं अंधविश्वास पाखंडवाद के घोर विरोधी वैज्ञानिक तर्कवान थे।12 मई 25 को 2563 साल 263 दीन जन्म को होते है।सिद्धार्थ गौतम बुद्ध ने बुद्ध ज्ञान प्राप्त करने के बाद देवता ब्रह्मा सहमति के निमंत्रण पर बुद्ध अपनी बौद्धिक शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने आये और बौद्ध धम्म की स्थापना की। तथागत भगवान बुद्ध ने कहा कि वे कोई मुक्तिदाता नही मार्गदाता हुं कहा, चिकित्सक हुं, दुःख की समस्या का पोस्टमार्टम करके ठीक करता हूं। उन्होंने कहा कि मानव जन्मा है तो एक दिन मरना सत्य है। मनुष्य के जीवन में कर्म के आधार से दुःख सुख रोग छाया की तरह रहता है। जिसकी वजह अज्ञान, क्रोध,ईर्ष्या, तृष्णा मोह लालच आसाक्ति है। और इसे ज्ञान संयम आत्म अनुशासन और अष्टांगिक मार्ग और त्रिशरण पंचशील नैतिक मार्ग से भगाया दुर किया जा सकता है।