
मुलताई रेलवे स्टेशन पर अमरावती-जबलपुर ट्रेन के स्टॉपेज की मांग
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गरीब परिवारों को 5 किलो से बढ़ाकर 20 किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने की मांग
जागरूक युवा विजय धाकड़ ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सांसद और कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

—वृद्धावस्था एवं दिव्यांग पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी की मांग—
श्री धाकड़ ने मप्र में विकलांग, वरिष्ठ नागरिकों और वृद्धजनों की पेंशन 600 से बढ़ाकर 3600 रूपए प्रतिमाह किए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि आज के समय में महंगाई चरम पर है। ऐसे में 600 प्रतिमाह की पेंशन से न तो दवाइयों का खर्च निकलता है, न ही दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं। वृद्धावस्था में अधिकांश लोग बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं और उन्हें हर माह दवाई एवं इलाज की आवश्यकता होती है।बढ़ती महंगाई में 600 से नहीं चलता गुजारा नहीं होता है। पेंशन में वृद्धि कर 3600 रूपए प्रतिमाह किए जाने से ही बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को वास्तविक राहत मिलेगी।
—गरीबों के लिए जरूरी है खाद्य सुरक्षा—
श्री धाकड़ ने मप्र में वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों और गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले जरूरतमंद परिवारों को मिलने वाले मुफ्त अनाज की मात्रा बढ़ाकर 5 किलोग्राम अनाज की जगह प्रत्येक पात्र व्यक्ति को 20 किलोग्राम अनाज प्रति माह दिए जाने की मांग की है। बढ़ती महंगाई और खाद्य पदार्थों के दामों के बीच केवल 5 किलो अनाज से परिवार का गुजारा नहीं हो पाता। विशेषकर वृद्ध, विकलांग और गरीब परिवारों में आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं होता, ऐसे में उनके लिए पर्याप्त खाद्यान्न मिलना अत्यंत आवश्यक है।
—विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग–
श्री धाकड़ ने विवाह संबंधी कानूनों में संशोधन की मांग की है, ताकि महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी कानूनी संरक्षण मिल सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान विवाह अधिनियम में महिलाओं को संरक्षण देने के पर्याप्त प्रावधान हैं, किंतु पुरुषों के हितों की अनदेखी की जा रही है। इसी कारण अनेक पुरुष झूठे प्रकरणों में फंसकर मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा एवं अन्य विवाह संबंधी मामलों में कई बार तथ्यों की पुष्टि किए बिना ही पुरुषों पर कार्रवाई की जाती है, जिससे उनका सामाजिक जीवन प्रभावित होता है। कई बार पूरे परिवार को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
—जिला न्यायालय में खंडपीठ के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाए—
श्री धाकड़ ने मध्यप्रदेश में न्याय व्यवस्था को सशक्त और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जिला न्यायालयों में खंडपीठ के न्यायाधीशों की नियुक्ति की मांग की है। ताकि विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और गरीब वर्ग को शीघ्र न्याय मिल सके। उनका कहना है कि वृद्धजनों के मामलों में शीघ्र सुनवाई और जल्द निर्णय होना अत्यंत आवश्यक है। बढ़ती उम्र, खराब स्वास्थ्य और जीवन की अनिश्चितता को देखते हुए न्याय में देरी उनके लिए मानसिक और आर्थिक पीड़ा का कारण बनती है। इसके अलावा उन्होंने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर थाने में प्रथम सूचना दर्ज कर सिविल न्यायालय से न्याय दिलाए जाने की मांग की है।