
संविधान विषमतावादी कानून बनाने से रोकता है !
संविधान विषमतावादी कानून बनाने से रोकता है !

आर्टिकल 14 के अनुसार ऐसा कोई भी कानून फिर से लागू नहीं होगा और ना ही बनेगा जो इंसानों के साथ विषमता वादी व्यवहार करें और उनको बद से बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर करें अर्थात भारत के सब नागरिक को समान मानते हुए ही विधि या कानून लागू या बनाए जाये – भारत की संसद में चाहे किसी भी पार्टी का बहुमत हो, तो भी इस बहुमत के आधार पर ऐसा कोई कानून नहीं बनाया जाएगा जो पूर्व में मौजूद व्यवस्था को मजबूत बनाए और एक कम्यूनिटी को इस कानून के दम पर तानाशाही करने के लिए संरक्षण प्रदान करता हो। इसलिए आर्टिकल 14 सब भारतियों के लिए एक समान विधि सहिंता उपलब्ध करवाता है और किसी भी विषमता वादी कानून बनाने के लिए रोकता है। चाहे संसद में कितना भी बहुमत क्यों ना हो।
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