
संविधान विषमतावादी कानून बनाने से रोकता है !
संविधान विषमतावादी कानून बनाने से रोकता है !

आर्टिकल 14 के अनुसार ऐसा कोई भी कानून फिर से लागू नहीं होगा और ना ही बनेगा जो इंसानों के साथ विषमता वादी व्यवहार करें और उनको बद से बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर करें अर्थात भारत के सब नागरिक को समान मानते हुए ही विधि या कानून लागू या बनाए जाये – भारत की संसद में चाहे किसी भी पार्टी का बहुमत हो, तो भी इस बहुमत के आधार पर ऐसा कोई कानून नहीं बनाया जाएगा जो पूर्व में मौजूद व्यवस्था को मजबूत बनाए और एक कम्यूनिटी को इस कानून के दम पर तानाशाही करने के लिए संरक्षण प्रदान करता हो। इसलिए आर्टिकल 14 सब भारतियों के लिए एक समान विधि सहिंता उपलब्ध करवाता है और किसी भी विषमता वादी कानून बनाने के लिए रोकता है। चाहे संसद में कितना भी बहुमत क्यों ना हो।
More Stories
19 जुलाई 1926 डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के प्रिय पुत्र राजरत्न का निधन उक्त दुःख समय में बाबा साहेब ने दलितो और अन्य उत्पीड़ित लोगों के लिए काम करने का संकल्प लिया था।
19 जुलाई 1926 डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के प्रिय पुत्र राजरत्न का निधन उक्त दुःख के समय में बाबा साहेब ने...
🌺मुसावादी सुत्त नरक स्वर्ग समान परिणाम
🌺मुसावादी सुत्त🌺नरक स्वर्ग समान परिणाम कैलाश पाटिल "भिक्षुओं, जिसमें ये चार बातें होती हैं वह लाकर नरक में डाल दिये...
शुद्र दलित वंचित बहुजन समाज आत्म स्वाभिमान से जीने की सोचे!
शुद्र दलित वंचित बहुजन समाज आत्म स्वाभिमान से जीने की सोचे! जिनेवा में अंतराष्ट्रीय के धर्म सम्मेलन में 200 से...
” एकता में ही जीत है ” धरना प्रदर्शन में समर्थन विचार विमर्श शुरू
"एकता में ही जीत है " धरना प्रदर्शन में समर्थन विचार विमर्श शुरू। 10 जुलाई 25 आषाढ़ पूर्णिमा बौद्ध उपासक...
गोंदिया महाराष्ट्र से महाबोधि विहार मुक्ति अनिश्चितकालीन धरना पर पहुंच कर समर्थन दिया।
गोंदिया महाराष्ट्र से महाबोधि विहार मुक्ति अनिश्चितकालीन धरना पर पहुंच कर समर्थन दिया। गोंदिया महाराष्ट्र से भारतीय बौद्ध महासभा, वंचित...
भाषा विवाद राष्ट्रीय एकता अखंडता के लिए खतरा
भाषा विवाद राष्ट्रीय एकता अखंडता के लिए खतरा भारत एक संघ लोकतांत्रिक विभिन्न भाषाओं बोलियां बोलने वाला देश है अनेकता...