
मध्यप्रदेश में सरकारी सोसायटी से गरीब और वंचितो वर्गों को गेंहू ऊंट के मुंह मे जीरा वंचित और गरीबो को बाजार का मंहगा गेहूं खरीदने के लिए विवश है।
मध्यप्रदेश में सरकारी सोसायटी से गरीब और वंचितो वर्गों को गेंहू ऊंट के मुंह मे जीरा वंचित और गरीबो को बाजार का मंहगा गेहूं खरीदने के लिए विवश है।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा कार्यान्वित राशनकार्ड योजना का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय समाज के गरीब और वंचित वर्गों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं को विनियमित करना है और प्रधानमंत्री की घोषणा है कि सभी राज्यों में प्रत्येक राशनकार्ड धारकों को नई योजनाओ के तहत राशन अपुर्ती प्रदान करना है। गेहूं, चावल, शक्कर,नमक , मिट्टी का तेल, खाद्य तेल साबुन देने की योजना है। लोकसभा चुनाव में गरीब और वंचित वर्गों को मुफ्त राशन देने का प्रचार का माध्यम बनाया था। वास्तव में गरीब और वंचित वर्गों को रोजगार न देकर मुफ्त राशन देकर आत्मनिर्भर की जगह भिखारी बनाया जा रहा है। गरीब और गरीब वंचित वर्गों को प्रति महीने दिये जाने वाले मुफ्त खाद्य राशन में शक्कर और मिट्टी का तेल नदारद है गेहूं ऊंट के मुंह में जीरा दिया जा रहा है। गरीब और वंचित वर्गों को बाजार का महंगा गेहूं खरीदने के लिए विवश है। गरीब और वंचित वर्गों राशनकार्ड धारकों के लिए दाल खाद्य तेल मात्र सपना ही है।