
11अप्रैल सामाजिक क्रांति राष्ट्रपिता ज्योतिबा फूले की 197 वी जयंतीसभी मनुष्य समान हैं, जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।” शिक्षा के बिना व्यक्ति शुद्र के समान है।
11 अप्रैल सामाजिक क्रांति के राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले की 197 वी जयंती
सभी मनुष्य समान हैं, जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए,शिक्षा के बिना व्यक्ति शुद्र के समान है।
“जातिवाद को मिटाना हमारा सामाजिक दायित्व है।” “स्त्रियों को शिक्षित करना समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।” “सद्भावना और सहानुभूति ही मानव जीवन का आधार है।
सामाजिक क्रांति के राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। आज भारत में 197 जयंती मनाई गई। फुले ने समय रहते शिक्षा को महत्व दिया उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना बहुत नुकशान होता है, शिक्षा के बिना समझदारी को जाती है, समझदारी के बिना नैतिकता, नैतिकता के बिना विकास धन खो देता है और विकास व धन के बिना व्यक्ति शुद्र बन जाता है। ईश्वर और परमेश्वर परमात्मा एक है और वही कर्ताधर्ता है। स्त्री पुरुष समान है स्त्री को भी पुरुष समान पढ़ने का अधिकार होना चाहिए। ज्ञान के बिना व्यक्ति पुर्ण नही हो सकता है शिक्षा सशक्त बनाता है।