मानसून ने खोली भाजपा की भ्रष्टाचार की पोल, टैक्स के पैसों की डूबती सच्चाई

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*|| मानसून ने खोली भाजपा की भ्रष्टाचार की पोल, टैक्स के पैसों की डूबती सच्चाई||*

✍️ _मोहम्मद उवैस रहमानी 9893476893/9424438791

*नई दिल्ली,16 जुलाई 2025:* 

मानसून का आगमन हर साल केवल बारिश नहीं लाता—बल्कि देश की बुनियादी ढांचे की पोल भी खोल देता है। सड़कें बह जाती हैं,पुल ढह जाते हैं, अंडरपास में पानी भर जाता है,और सरकारें जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेती हैं। इस बार भी कहानी कुछ अलग नहीं है—लेकिन अब सवाल केवल लापरवाही का नहीं,बल्कि भाजपा के शासन में पनपते संगठित भ्रष्टाचार का है।

*पुल गिरे,सड़कें बहीं — भ्रष्टाचार टिका रहा:* 

जिन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च हुए,वे एक बारिश भी नहीं झेल पाईं। जनता का टैक्स पैसा—जो बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए लिया गया था—अब ढहते पुलों और बहती सड़कों में बहता नजर आ रहा है।

*ताज़ा घटनाएं जो सरकार की पोल खोलती हैं:* 

*गुजरात:* जूनागढ़ में नया पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया, जबकि राजकोट में राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश में धँस गया।

*दिल्ली:* ₹15,000 करोड़ खर्च करने के बावजूद प्रगति मैदान अंडरपास हर साल की तरह इस बार भी पानी में डूब गया।

*उत्तराखंड:* टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे का हिस्सा बारिश में नदी में समा गया — ये पुल एक साल भी नहीं टिक पाया।

*बिहार:* बीते 5 सालों में 12 पुल गिर चुके हैं। ताज़ा मामला अररिया में सामने आया,जहाँ उद्घाटन से पहले ही करोड़ों का पुल ढह गया।

 *छत्तीसगढ़:* बलरामपुर में हाल ही में बना राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश में बह गया — यह बीजेपी शासनकाल में हुआ निर्माण था।

*यह केवल निर्माण की विफलता नहीं — यह जनता की जेब से संगठित लूट है।* 

जब कोई सड़क बहती है,जब कोई ट्रेन पटरी से उतरती है,जब पुल गिरने से जानें जाती हैं और कोई जवाबदेह नहीं होता — तो यह केवल ‘दुर्घटना’ नहीं,एक संरचित हत्या बन जाती है।

*सरकार का रवैया:* 

जहाँ एक ओर बुनियादी ढांचा हर मानसून में ध्वस्त हो रहा है,वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार टैक्स और महंगाई का बोझ लगातार बढ़ा रही है। जनता से लिए गए पैसे कहाँ जा रहे हैं?

भ्रष्ट नेताओं की जेब में,सरकारी अधिकारियों की तिजोरियों में,प्रचार की हाई-फाई होर्डिंग्स और इवेंट्स में

 *अब देश चुप नहीं बैठेगा:* 

जनता अब यह समझने लगी है कि ये ‘प्रोजेक्ट फेल्योर’नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध घोटाला है। जवाबदेही तय करने का समय आ गया है। सिर्फ़ पुल नहीं गिरे हैं — सरकार की नीयत,ईमानदारी और उत्तरदायित्व की दीवारें भी दरक चुकी हैं।

अब सवाल होगा। जवाब मांगा जाएगा।

और इस बार, भारत चुप नहीं बैठेगा।

 *मोहम्मद उवैस रहमानी* 

        प्रधान संपादक 

RH NEWS 24&अख़बार रुखसार ए हिन्द 

9893476893/9424438791

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