
नागपंचमी हिन्दुओं का त्यौहार इस दीन नागों और नाग देवता की पुजा सांप नागों के मन्दिर स्थानों पर जाकर पुजा हलवा का भोग नारियल फोड़कर दुध पिलाने घरों में मीठे-मीठे गुंजे पपड़ी पकवान बनाने की परम्परा है।
नागपंचमी हिन्दुओं का त्यौहार इस दीन नागों और नाग देवता की पुजा सांप नागों के मन्दिर स्थानों पर जाकर पुजा हलवा का भोग नारियल फोड़कर दुध पिलाने घरों में मीठे-मीठे गुंजे पपड़ी पकवान बनाने की परम्परा है।
नागपंचमी हिन्दु समाज का एक तरह का त्यौहार है।इस दिन नागों और नाग देवता की पुजा होती है। यह त्यौहार हर साल सावन के महिने आता है। सांप नागों के मन्दिर स्थानों पर जाकर पुजा हलवा का भोग नारियल फोड़कर दुध पिलाने की परम्परा है। इस दीन घरों में हर दिन की तरह सादी रोटी दाल चावल नही बनाया जाता है,इसकी जगह मीठा हलवा, मीठे-मीठे गुंजा पपड़ी बनाया और पुजा पाठ करके खाया जाता है। दुसरे दिन से संगे संगे सम्बंधित लोगो के घरों में खासकर लड़कियों को पहले त्यौहार पर मीठे-मीठे गुंजे पपड़ी पकवान की रोटी ले जाने की परम्परा है। नागपंचमी के समय कुस्ती अखाड़ा भी होता है जिसमें पहलवानों को आमंत्रित कर कुस्ती अखाड़ा की प्रतियोगिता कार्यक्रम होते है।नागपंचमी हिन्दु समाज का एक तरह का त्यौहार है।इस दिन नागों और नाग देवता की पुजा होती है। यह त्यौहार हर साल सावन के महिने आता है। सांप नागों के मन्दिर स्थानों पर जाकर पुजा नारियल फोड़कर दुध पिलाने की परम्परा है। इस दीन घरों में हर दिन की तरह सादी रोटी दाल चावल नही बनाया जाता है,इसकी जगह मीठा हलवा, मीठे-मीठे गुंजा पपड़ी बनाया और पुजा पाठ करके खाया जाता है। दुसरे दिन से संगे संगे सम्बंधित लोगो के घरों में खासकर लड़कियों को पहले त्यौहार पर मीठे-मीठे गुंजे पपड़ी पकवान की रोटी ले जाने की परम्परा है। नागपंचमी के समय कुस्ती अखाड़ा भी होता है जिसमें पहलवानों को आमंत्रित कर कुस्ती अखाड़ा की प्रतियोगिता कार्यक्रम होते है।