
वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव केबिनेट ने दी मंजूरी
वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव केबिनेट ने दी मंजूरी
18 सितंबर 24 को केन्द्र की केबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब संसद में बहुमत से पास कराने शीत सत्र नवम्बर -दिसम्बर में लाया जायेगा। इसके बाद लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ किये जायेगे। ध्यान हो की 195-52 से 1967 तक देश में लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव साथ-साथ हुए और 1970 में एक साथ चुनाव का चक्र टुट गया। फिर से वन नेशन वन इलेक्शन लोकसभा राज्य के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना पर मोदी सरकार कार्य कर रही है इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए पुर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जिसने 191दीन काम किया और 21558 लोगों से वन नेशन वन इलेक्शन के संदर्भ राय प्रस्ताव लिया गया जिसमें 80 प्रतिशत लोगों ने प्रस्ताव का समर्थन में राय दी। जिसमें 32 राजनैतिक दल भी प्रस्ताव के समर्थन में आने की बात कही जा रही है। लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान में संशोधन भी करना होगा।वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव केबिनेट की मंजूरी पर विपक्षी दल टेंशन बताये जा रहें हैं। किसी कारणवश किसी राज्य तथा लोक सभा भंग हो जायेगी क्या राष्ट्रपति लागू करके शासन चलाया जाएगा? क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने का षंड़यंत्र है? लोकतंत्र को खत्म कर देश में एक व्यक्ति का शासन स्थापित करने की सोच है?