
झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ जान के साथ खिलवाड़ प्रशासन दुर से देख रहा है।
झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ हो रहा है जान से खिलवाड़ प्रशासन इन्हें दुर से देख रहा है
स्वास्थ्य सेवा डाक्टरों की जिम्मेदारी वाली सेवा पेशा है।इस सेवा पेशा के लिए डाक्टर को एमबीएस एमडी मेडिकल डिग्री उच्च शिक्षित होना चाहिए। लेकिन बैतूल जिले मे शहरी डाक्टरों की महंगा इलाज फीस, ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षित मेडिकल डिग्री धारी डाक्टरो की कमी की वजह से कम पढ़े लिखे झोलाछाप डॉक्टर प्राइवेट एलोपैथिक इलाज की दुकान चला रहे है,इन प्राइवेट डाक्टरो के अनुभवहीन,गलत-सलत इलाज के चक्कर में आम सीधे सादे ग्रामीण शहरी गरीब परिवार की जान जोखिम में पड़ रही है। जानकारी के अनुसार एलोपैथी इलाज एमबीएस एमडी मेडिकल डिग्री धारी एलोपैथी की तीन महीने की ट्रेनिग लेने पर अंग्रेजी दवाईयां आयुर्वेदिक,युनानी, होम्योपैथी डॉक्टर लिख सकते है। आयुर्वेदिक शरीर में वात पित्त और कफ को ध्यान में रखकर आयुर्वेदिक इलाज कर आयुर्वेदिक दवाईयां दे सकता है। युनानी इलेक्ट्रॉनिक होम्योपैथिक डाक्टर जल, वायु, पृथ्वी और अग्नि को ध्यान में रखते हुए इलाज कर सकता है लेकिन लेकिन एलोपैथिक इलाज नहीं कर सकता है।घोड़ाडोंगरी ब्लाक में ब्लाक बीएमएस, आयुर्वेदिक, युनानी, इलेक्ट्रॉनिक होम्योपैथीक प्राइवेट डाक्टर एलोपैथी इलाज की स्वीकृति,जहां तहां बगैर शिक्षा देखें जांच किए प्राइवेट प्रेक्टिस एलोपैथिक इलाज की परमिशन कैसे दी गई है। सवाल उठता है कि घोड़ाडोंगरी ब्लाक में 130 प्रेक्टिसनर डॉक्टर कितने मेडिकल डिग्री धारी है, एलोपैथिक ट्रेनर है? जहां तक झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानदारी गांवों-कस्बों में खुब फल-फूल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है।हर पांच किलोमीटर दूरी में एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है।मरीज चाहे उल्टी-दस्त खांसी बुखार से पीड़ित या अन्य कोई बिमारी से झोलाछाप डॉक्टर हर बिमारी का एलोपैथिक इलाज करते हैं इनकी इलाज की शुरूआत सौ दो सौ बोतल चढ़ाने फीस लेकर से होती है। से होती है।सुत्रो की जानकारी के अनुसार बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लाक मेडिकल आफिस में प्राइवेट प्रेक्टिस्नर झोलाछाप आयुर्वेदिक युनानी इलेक्ट्रॉनिक होम्योपैथीक झोलाछाप डॉक्टरों से होती है। जिनकी क्लिनिक की दुकानें घोड़ाडोंगरी ब्लाक में बेखौफ होकर संचालित है,जिन पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।