7 मई को हांगकांग में बुद्ध के पवित्र रत्न की नीलामी शर्मदायक ।

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7 मई को हांगकांग में बुद्ध के पवित्र रत्न की नीलामी शर्मदायक ।

अम्बेडकरवादी बोले बुद्ध के पवित्र रत्नों को भी ईसा मसीह या किसी अन्य धर्म के अवशेषों को कला की तरह नीलाम किया जाता तो क्या होता? लेकिन ऐसा नहीं हो रहा शर्मदायक है।बौद्ध धर्म को अपनाने वाले बहुजन समुदाय ने भी इस नीलामी के खिलाफ आवाज बुलंद की है। बहुजन संगठनों ने केंद्र सरकार से इस

मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है।1898 में, ब्रिटिश इंजीनियर और जमींदार विलियम क्लैक्स्टन पेपे ने पिपरहवा में खुदाई के दौरान इन अवशेषों और रत्नों को निकाला और औपनिवेशिक अनुमति के साथ अपने कब्जे में ले लिया।1898 में, ब्रिटिश इंजीनियर और जमींदार विलियम क्लैक्स्टन पेपे ने पिपरहवा में खुदाई के दौरान इन अवशेषों और रत्नों को निकाला और औपनिवेशिक अनुमति के साथ अपने कब्जे में ले लिया। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों और उनसे जुड़े रत्नों की 7 मई 2025 को हांगकांग में होने वाली नीलामी ने भारत और विश्व भर के बौद्ध समुदाय में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में पिपरहवा स्तूप से 1898 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान निकाले गए 331 बौद्धकालीन अवशेषों और रत्नों की नीलामी को लेकर बौद्ध और बहुजन समुदाय ने इसे अपनी आस्था और सांस्कृतिक विरासत पर हमला करार दिया है। इस नीलामी को रोकने के लिए सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास के सहायक प्रोफेसर डॉ. शरदेंदु कुमार त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

पिपरहवा, जो प्राचीन कपिलवस्तु का हिस्सा माना जाता है, बौद्ध धर्म के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। इतिहासकारों के अनुसार, भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण (लगभग 480 ईसा पूर्व) के बाद उनके दाह-अवशेषों का एक हिस्सा शाक्य वंशजों द्वारा पिपरहवा में निर्मित एक स्तूप में सुरक्षित रखा गया था। ये अवशेष और उनके साथ रखे गए रत्न, जो 240-200 ईसा पूर्व के हैं, बौद्ध धर्म की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक हैं। ये रत्न बुद्ध के अवशेषों के साथ एक भेंट के रूप में दफनाए गए थे और इन्हें बुद्ध की संपत्ति माना जाता है।1898 में, ब्रिटिश इंजीनियर और जमींदार विलियम क्लैक्स्टन पेपे ने पिपरहवा में खुदाई के दौरान इन अवशेषों और रत्नों को निकाला और औपनिवेशिक अनुमति के साथ अपने कब्जे में ले लिया। अब, पेपे के चौथे वंशज इन 2500 वर्ष पुराने अवशेषों को हांगकांग के प्रसिद्ध नीलामी घर ‘सोथबीज़’ में 7 मई 2025 को सुबह 10:30 बजे नीलाम करने जा रहे हैं।

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