बाबा साहेब की 134 वी जयंती पुरे उत्साह और सम्मान के साथ मनाई।

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बाबा साहेब की 134 वी जयंती पुरे उत्साह और सम्मान के साथ मनाई।

महाविहार महाबोधि बौद्ध गया मुक्ति आंदोलन के समर्थन में समता वाहन रैली 

सारनी पाथाखेड़ा शोभापुर कालोनी में आम्बेडकरी सामाजिक अनुयायियों ने बौद्धिसत्व डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब की 134 वी जयंती पुरे उत्साह और सम्मान के साथ मनाई। सारनी के शापिंग सेन्टर, पाथाखेड़ा के बस स्टैंड,शोभापुर कालोनी में स्थित बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा अभिवादन और पुष्प माल्यार्पण कर जयंती मनाई। शोभापुर कालोनी में रात्रि 12 बजे केक काटा गया, जयभीम के नारे लगाए गए। कलाकारों द्वारा भीमगीतो की प्रस्तुति हुई।14 अप्रैल को जयंती समारोह में महाविहार महाबोधि बौद्ध गया मुक्ति आन्दोलन के समर्थन में समता विशाल रैली का आयोजन हुआ। जिसमें सेकडो की संख्या में सफेद वस्त्र में हाथ में नीला ध्वज गले नीला दुपट्टा पंचशील धारण जयभीम के नारे लगाते मर्यादा सद्भावना वाहन रैली निकाली गई।जो बगडोना गेट से शाम 6 बजे से शुरू हो कर शोभा पुर कालोनी से होते हुए पाथाखेड़ा पंचशील बुद्ध विहार जाकर समाप्त हुई।लोगों को जगह-जगह में ठंडा पानी शरबत पिलाने कार्य हुआ। सुजाता महिला मंडल शोभापुर कालोनी ने मीठी-मीठी खीर प्रसादी का वितरण किया। इस शुभ अवसर पर कहा गया कि डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब महान मानवतावादी व्यक्ति है जिसकी जयंती विश्व स्तर विदेशों में मनाई जाती है। जयंती से नई उर्जा का संचार होता ताकत और प्रेरणा मिलती है। डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारतरत्न दिया गया नालेज आफ सिबाल (शिक्षा का प्रतीक) कहा जाता है।32 डिग्रियां हासिल करने वाले नौ भाषाओं के ज्ञाता थे पढ़ने में शौकिन स्वाभिमानी विद्वान अर्थशास्त्री थे जिन्होंने भारत का संविधान लिखकर संविधान निर्माता प्रथम कानून मंत्री बने। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 में कहा गया है कि राज्य सरकारें समाज के कमजोर वर्गों विशेष रुप से अनुसूचित जाति जनजाति के शैक्षणिक और आर्थिक हितों की रक्षा करेगा और सामाजिक न्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचायेगा। अनुच्छेद 46 के कारण ही अनुसूचित जाति जनजाति विशेष घटक/उपयोजना का लाभ प्रदान किया जाते है।दुखत पहलू है कि आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बावजूद अनुसूचित जाति जनजाति के हितों की अनदेखी की जाती। अनुसूचित जाति जनजाति के विकास के लिए जो पैसा जनसंख्या के अनुपात से आवंटित नही किया जाता है और जो आवंटित किया जाता है अनुसूचित जाति जनजाति के विकास में खर्च बेमानी से होता है। अन्य सामान्य मदो में खर्च हो रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति के विकास का पैसा उन्हीं के हितों पर खर्च के लिए निधि एक्ट होना आवश्यक है मांग होनी चाहिए।सारनी पाथाखेड़ा शोभापुर कालोनी में आम्बेडकरी सामाजिक अनुयायियों ने बौद्धिसत्व डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब की 134 वी जयंती पुरे उत्साह और सम्मान के साथ मनाई। सारनी के शापिंग सेन्टर, पाथाखेड़ा के बस स्टैंड,शोभापुर कालोनी में स्थित बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा अभिवादन और पुष्प माल्यार्पण कर जयंती मनाई। शोभापुर कालोनी में रात्रि 12 बजे केक काटा गया, जयभीम के नारे लगाए गए। कलाकारों द्वारा भीमगीतो की प्रस्तुति हुई।14 अप्रैल को जयंती समारोह में महाविहार महाबोधि बौद्ध गया मुक्ति आन्दोलन के समर्थन में विशाल रैली का आयोजन हुआ। जिसमें सेकडो की संख्या में सफेद वस्त्र में हाथ में नीला ध्वज गले नीला दुपट्टा पंचशील धारण जयभीम के नारे लगाते मर्यादा शांत स्वभाव स्वरूप रैली निकाली गई। लोगों को जगह-जगह में ठंडा पानी शरबत पिलाने कार्य हुआ। सुजाता महिला मंडल शोभापुर कालोनी ने मीठी-मीठी खीर प्रसादी का वितरण किया। इस शुभ अवसर पर कहा गया कि डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब महान मानवतावादी व्यक्ति है जिसकी जयंती विश्व स्तर विदेशों में मनाई जाती है। जयंती से नई उर्जा का संचार होता ताकत और प्रेरणा मिलती है। डॉ बीआर अंबेडकर बाबा साहेब को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारतरत्न दिया गया नालेज आफ सिबाल (शिक्षा का प्रतीक) कहा जाता है।32 डिग्रियां हासिल करने वाले नौ भाषाओं के ज्ञाता थे पढ़ने में शौकिन स्वाभिमानी विद्वान अर्थशास्त्री थे जिन्होंने भारत का संविधान लिखकर संविधान निर्माता प्रथम कानून मंत्री बने। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 में कहा गया है कि राज्य सरकारें समाज के कमजोर वर्गों विशेष रुप से अनुसूचित जाति जनजाति के शैक्षणिक और आर्थिक हितों की रक्षा करेगा और सामाजिक न्याय और सभी प्रकार के शोषण से बचायेगा। अनुच्छेद 46 के कारण ही अनुसूचित जाति जनजाति विशेष घटक/उपयोजना का लाभ प्रदान किया जाते है।दुखत पहलू है कि आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बावजूद अनुसूचित जाति जनजाति के हितों की अनदेखी की जाती। अनुसूचित जाति जनजाति के विकास के लिए जो पैसा जनसंख्या के अनुपात से आवंटित नही किया जाता है और जो आवंटित किया जाता है अनुसूचित जाति जनजाति के विकास में खर्च बेमानी से होता है। अन्य सामान्य मदो में खर्च हो रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति के विकास का पैसा उन्हीं के हितों पर खर्च के लिए निधि एक्ट होना आवश्यक है मांग होनी चाहिए।

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