
नागपुर दीक्षाभूमि के परिसर के साथ छेड़छाड़ ख्याति धुमिल करने का घोर षंड़यंत्र , आम्बेडकरीयो की आंख में बंधी पट्टी
नागपुर दीक्षाभूमि परिसर के साथ छेड़छाड़ ख्याति कम करने घोर षंड़त्र आम्बेडकरीयो की आंख में बंधी पट्टी?
दीक्षाभूमि भारत के आम्केबेडकर और बुद्ध उपासको का श्रध्दा और नागपुर आस्था का केन्द्र पर्यटन स्थल है।प्रति 14अक्टुम्बर व दशहरे में धम्म प्रर्वतन दिन विशाल धम्म सामग्री साहित्यो का मेला होता है, भारत के कोने कोने से लाखों की संख्या में बोधिसत्व बाबा साहेब आंबेडकर को अभिवादन करने आम्बेडकरी बुद्ध उपासक जलसे के रुप में दीक्षाभूमि पहुंचते हैं। और प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में आम्बेडकरी बुद्ध उपासक आम्बेडकर बुद्ध की प्रतिमा को अभिवादन दर्शनार्थ दीक्षाभूमि जाते है । दीक्षाभूमि की ख्याति विश्व स्तर की बनी हुई है। नागपुर दीक्षाभूमि परिसर में जो काम चालू है वह सौंदर्यकरण व विकास का नही है।वह आम्बेडकर कालेज के सामने मेट्रो स्टेशन का कार्यालय निर्माण का कार्य चल रहा है। मेट्रो स्टेशन कार्यालय एक दम दीक्षाभूमि के पास आ रहा है। प्रश्न यह है कि दीक्षाभूमि परिसर में मेट्रो स्टेशन कार्यालय क्यों बन रहा है और दीक्षाभूमि स्मारक समिति ने मेट्रो स्टेशन कार्यालय बनाने की स्वीकृति कैसे दी है। मेट्रो स्टेशन कार्यालय दीक्षाभूमि के परिसर के साथ छेड़छाड़ ख्याति धुमिल करने का षंड़यंत्र हो रहा है और आम्लिबेडकरीयो की आंख में पट्टी बंधी हुई है।जो भविष्य में खतरनाक हो सकती है।