
संविधान हत्या दिवस से “हत्या” शब्द हटाने के लिए बनाई मानव श्रंखला
संविधान हत्या दिवस से “हत्या” शब्द हटाने के लिए बनाई मानव श्रंखला
इंदौर । देश में लगे आपातकाल अवधि से प्रभावित लोगो श्रद्धांजलि देने हेतु केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित किया गया है । डॉ. अम्बेडकर युग सेवा समिति सहित अन्य डॉ. अम्बेडकर अनुयायी व संविधान में आस्था रखने वाले लोगो को संविधान हत्या दिवस में हत्या शब्द पर आपत्ति है । संविधान हत्या दिवस से हत्या शब्द हटाने की मांग को लेकर रविवार को इंदौर के गीता भवन चौराहा स्थित डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर भारी बारिश में डॉ. अम्बेडकर युग सेवा समिति के नेतृत्व में मानव श्रंखला बनाई गई ।
उनका कहना है की भारत का संविधान जीवित है और देश में सबके बीच मौजूद है । इसलिए तर्क व तकनिकी तौर पर संविधान हत्या दिवस में हत्या शब्द सही नहीं है । उक्त मांग को लेकर पूर्व में समिति द्वारा सांसद शंकर लालवानी को प्रधानमंत्री के नाम व इंदौर संभागायुक्त कार्यालय पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया जा चूका है । और आगे भी चरणबद्ध रूप से मांग की जाएगी । कार्यक्रम में सरकार तक सन्देश पहुंचाने हेतु प्रतिकात्मक रूप से शांति व सन्देश का प्रतीक कबूतर भी उड़ाया गया । मानव श्रंखला में सामाजिक कार्यकर्ता मुरलीधर राहुल मेटांगे, भीमराव सरदार, रघुवीर मरमट, भारत निम्बाड़कर, लक्की पिसे, लोकेश इन्द्रे, विनोद ठाकरे, राज सावनेर, मार्शल योगेश भवते, मार्शल तिथि रामटेके, दीक्षा भवते, कैलाश मोटघरे, उमेश लोदवाल, रविंद्र गुरुचल, गौतम खण्डेराव, कुणाल वाकोड़े, प्रकाश निकड़े, मुकुल वाघ, सुधाकर वाघ, आनंद वाघ, रणजीत गोहर, लीलाधर वर्मा, राकेश बंदावड़े, कृष्ण कुमार जाटवा, जितेंद्र ठाकरे, राहुल जाधव, अनिल इंगले, विकास भीमके, राजेश भालेकर, हेमंत वासनिक, संतोष गवांदे, सुरेश वानखेड़े, डॉ. नयन इंगले, डॉ. जयभान सिंह पवय्या, डॉ. समरथ मचार, रणजीत डागर, निर्मल रोकड़े, शुभम बिल्लोरे, अमित मेश्राम, प्रभाकर बोरकर, पाण्डु सुरवाड़े, दिलीप वासनिक, देवांशु नागदीवे, धरम जी, प्रभाकर मोहद सहित अन्य अम्बेडकर अनुयायी मौजूद थे ।