
दशहरा 68 वां धम्म प्रवर्तन दिवस सम्राट अशोका विजयादशमी पर मंगल कामनाएं
दशहरा 68 वां धम्म प्रवर्तन दिवस सम्राट अशोका विजयादशमी पर मंगल कामनाएं
सम्राट अशोक ने कालिंद युद्ध में विजय होने के दसवें दिन बौद्ध धम्म की दीक्षा ली ग्रहण किया था ऐतिहासिक मान्यता है कि सम्राट अशोक ने हिंसा का मार्ग का त्याग किया था। सत्य अहिंसा करुणा प्रेम सबके जीवन में रहे। इसी दशहरे के दीन संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी।और दुःखत घटना है कि सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के दसवें बौद्ध सम्राट वृहदध की हत्या ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने ब्राह्मण आर्य समाज का शासन स्थापित किया था। और वर्षों से परम्परा अनुसार दशहरे में दुश्मनों पर विजय प्राप्ती के लिए अस्त्रों की पुजा होती है।बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए दस सर का रावण का पुतला दहन किया जाता खुशीया मनाई जाती है। वास्तविकता में देखा जाए तो प्रति वर्ष अस्त्रों की पुजा और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दस सर का रावण पुतला दहन फिर भी अन्याय अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने बौद्ध धम्म स्वाभिमान, समानता, स्वतंत्रता के लिए स्वीकार किया था। और अपने लगभग पांच लोगों को दीक्षित किया था। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयाई दशहरे के दिन को धम्म प्रवर्तन दिवस दीक्षाभूमि नागपुर में लाखों लोग जाते और मानते है।डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने बौद्ध धम्म स्वाभिमान, समानता, स्वतंत्रता के लिए स्वीकार किया था। और अपने लगभग पांच लोगों को दीक्षित किया था। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयाई दशहरे के दिन को धम्म प्रवर्तन दिवस दीक्षाभूमि नागपुर में लाखों लोग जाते और मानते है।