सवाल उठ रहे कि है कि रिमोट कंट्रोल से चलने वाली आटोमेटिक रुफ बोल्डिग की सुविधा मशीन होने पर छत में रुफ बोल्डिग क्यों नही की गई थी।

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सवाल उठ रहे है कि रिमोट कंट्रोल से चलने वाली आटोमेटिक रुफ बोल्डिग की सुविधा मशीन होने पर छत में रुफ बोल्डिग क्यों नही की गई थी।

विगत 6मार्च 25 को सेकंड सिफ्ट में लगभग 3.20 बजे वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र की छतरपुर खदान वन में रुप फाल 10 मीटर की चट्टान छत गिरने से बगैर सपोर्ट की छत के नीचे दबने से जिम्मेदार सेफ्टी इंचार्ज मेनेजर सहित ओवरमेन, माइनिंग सरदार इस तरह तीन कर्मचारी की मौत का दर्दनाक गंभीर हादसा के शिकार हुए है। जानकारी के अनुसार वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र में फिलहाल तीन खदान शुरू है।तवा वन,तवा टु और छतरपुर वन खदान तीनों खदानों में आटोमेटिक कंट्रोल से मशीनों के द्वारा खनन का कार्य होता। पाथाखेड़ा क्षेत्र की कोयला खदानो में प्रबंधन की शहःपर ठेका मजदूरों का आर्थिक शोषण जमकर होता है। ठेकादार वेकोलि प्रबंधन से मिलकर मासिक वेतन बैंक में पुरा भुगतान किया जाता है लेकिन उसमें से आधा वेतन ठेकेदार मजदूरो से देने का मौखिक अनुबंध पर काम दिया जाता है। रोजगार का साधन नही होने पर बेरोजगार युवक चुपचाप शोषण का शिकार हो रहा है। छतरपुर वन खदान में कट्यूनर माइनिंग सेक्सन में सीएम मशीन से खनन का कार्य चल रहा था। और सेक्सन में और भी ठेकेदार मजदूर कार्य कर रहे थे। और कोल प्रबंधन सुरक्षा की अपेक्षा  उत्पादन पर ध्यान देता है। जनचर्चा है कि रुफ बोल्डिग का लाखों रुपए का खर्चा बचाने के चक्कर में ठेका कंपनी तत्काल रुफ बोल्डिग नहीं करती है दुर्घटना के समय ठेका कंपनी के सभी मजदूर सेक्सन से बाहर थे उक्त घटना के समय दुर्घटनार्थी एक जिम्मेदार सेफ्टी इंचार्ज के साथ दो कर्मचारी थे।कोल  खनन के बाद छत में रुफ बोल्डिग कार्य नही हुआ और कट्यूनर माइनिंग सेक्सन से सीएम मशीन को बाहर निकाल कर खड़ा कर दिया था, और इसी दौरान निरक्षण करने सेफ्टी इंचार्ज मेनेजर, ओवरमेन और माइनिंग सरदार बगैर सपोर्ट के छत के नीचे उतर गये और गंभीर दर्द नाक हादसा हो गया। सवाल उठता है कि कोल खनन करने वाली सीएम मशीन रिपोर्ट से चलने वाली आटोमेटिक रुफ बोल्डिग कार्य की सुविधा वाली मशीन होने के वावजूद नियमानुसार तीन मीटर के अंतराल में रुफ बोल्डिग होनी चाहिए लेकिन रुफ बोल्डिग नही हुई और घटना के तुरंत रुफ बोल्डिग कैसे हो गई ॽऔर सेक्सी में 14 मीटर तक कोल खनन का कार्य कैसे होता गया ॽ छत में बगैर सपोर्ट की दर्दनांक गंभीर दुर्घटना की वजह बनी। खदानो में दुर्घटना की घटना की वास्तविकता सच कभी सामने नही आता प्रबंधन बच निकलता है। दुर्घटना की घटना में मुख्यालय नागपुर से जांच टीम पहुंची दुर्घटना का वास्तविक परिणाम क्या है अभी पता नही है लेकिन कोल इंडिया की एड़ी टीम पहुंचेगी एक्सीडेंट दो से ज्यादा होने पर डिजास्टेड एक्सीडेंट की श्रेणी में आने  गंभीरता में आने पर मजिस्ट्रेट जांच हो सकती है।रिमोट कंट्रोल से चलने वाली आटोमेटिक रुफ बोल्डिग की सुविधा मशीन होने पर छत में रुफ बोल्डिग क्यों नही की गई थी।

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