
मप्र शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
मप्र शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
शिक्षकों की समस्याओं एवं लंबित मांगों पर की विस्तृत चर्चा

—शिक्षकों की प्रमुख मांगें और समस्याएं—
संभागीय सचिव नर्मदापुरम अशोक बोरखड़े ने बताया कि जनजाति कार्य विभाग में उच्च पदभार की प्रक्रिया के आदेश जारी कर दिए गए हैं, किंतु आज तक उच्च पदभार की काउंसलिंग आयोजित नहीं की गई है। उन्होंने मांग की कि इस प्रक्रिया को शीघ्र शुरू कर शिक्षकों को उनका हक दिलाया जाए। जिला सचिव मदन यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने की भी मांग उठाई, ताकि शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा मिल सके। अध्यापक संवर्ग को उनकी नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की जाए एवं 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर समयमान वेतनमान के आदेश शीघ्र जारी किए जाएं।
—शैक्षणिक योग्यता को मान्यता और वेतन वृद्धि की मांग—
जिलाध्यक्ष दीलीप गीते ने बताया स्वयं के व्यय पर डीएड/बीएड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। इसके लिए पूर्व में जारी आदेश क्रमांक 3/99 एवं 6/93 की तिथियों में संशोधन कर उन्हें बढ़ाया जाए। बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि 2008 के बाद बीईओ, प्राचार्य, सहायक आयुक्त एवं जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कार्य के लिए जारी किए गए आदेशों को मान्य कर अर्जित अवकाश संचित करने की पात्रता दी जाए।
—अनुकंपा नियुक्ति एवं छात्रावास अधीक्षकों का मुद्दा–
संगठन मंत्री बंलवत ठाकरे ने बताया कि अनुकंपा नियुक्तियों की शर्तों में शिथिलता प्रदान करने की भी आवश्यकता जताई गई। इसके साथ ही बैतूल जिले में 2008 में नियुक्त छात्रावास अधीक्षकों को अन्य जिलों की तर्ज पर 2013 से नियमित करने की मांग की गई। बताया गया कि अन्य जिलों में इन्हें 2013 से नियमित कर दिया गया है, परंतु बैतूल जिले के अधीक्षक आज भी उस लाभ से वंचित हैं। संघ ने केंद्र सरकार की तर्ज पर महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने की भी मांग की। साथ ही यह भी आग्रह किया गया कि शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण रविवार अथवा अन्य घोषित अवकाश के दिन न किया जाए, जिससे शिक्षकों को मानसिक विश्राम भी प्राप्त हो सके।