उत्तर प्रदेश हाथरस सत्संग भगदड़ कांड बहुत ही हृदय विदारक घटना अंधविश्वास को बढ़ावे के लिए दोषी कौन! !

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उत्तर प्रदेश हाथरस सत्संग भगदड़ कांड में बहुत ही हृदय विदारक घटना अंधविश्वास को बढ़ावे के लिए दोषी कौन!

उत्तर प्रदेश हाथरस सत्संग भगदड़ कांड में बहुत ही हृदय विदारक घटना हुई है इस हृदय विदारक घटना में 121 लोगों की जान गई जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है।घटना संदर्भ रिपोर्ट यह है कि लोगों की मृत्यु भगदड़ में दम घुटने से हुई है। हृदय विदारक घटना की जांच और दोषियों पर कार्यवाही के सख्त निर्देश प्रशासन और सरकार की ओर से दिए गए है। सवाल उठता है कि बाबाओं के सत्संग और मंदिरों में भगवान दर्शनार्थ लाखों की संख्या भीड़ की भगदड़ कांड में मरने की कोई पहली घटना नहीं है। कड़वी सच्चाई है कि धर्म की राजनीति करने वाले राजनेताओं का मेलजोल ने बाबाओं को बढ़ावा दिया दान दक्षिणा संरक्षण देकर प्रोत्साहन किया हुआ है, भागवत कथा सत्संगी जहां तहां साल भर हो रहे है, इनसे किसी का दुःख दूर नही हुआ है दो समय की रोजी रोटी नही मिल रही है।बल्कि इंसान अंधविश्वास के दलदल में जा रहे है। बाबाओ के भागवत कथा सत्संगो से धर्म की राजनीति करने वाले राजनेताओं की राजनीति चमक रही है। भागवत कथा सत्संग कार्यक्रमो में भीड़भाड़ कांड की घटनाओं के दोषी धर्म की राजनीति करने वाले राजनेता भी है।बड़े अफसोस की बात है कि देश में अंधविश्वास बड़े स्तर पर बढ़ा है और हावी हुआ है। हाल ही में जो हाथरस उत्तरप्रदेश की घटना घटित हुई है वह यही साबित करती है कि महिलाएं आज भी बड़े स्तर पर अंधविश्वास में डूबी हुईं है। क्योंकि हाथरस में बाबा के प्रवचन सुनने के लिए सबसे ज्यादा महिलाएं ही उपस्थित हुई थीं। और सबसे ज्यादा महिलाएं ही मौत का शिकार हुई है। इस घटना में सामने यह निकलकर आया है कि कथित बाबा के चरणो की धूल जिससे बाबा के कहे अनुसार सारे कष्ट दूर होते हैं उस धूल को उठाने के लिए यह भगदड़ मची थी। बड़ा अफसोस होता है कि आज  विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है फिर भी अपनी जान की परवाह किए बगैर लोग इस तरह के अंधविश्वास पर  विश्वास कर रहे हैं। इस घटना से हम सभी को एक सीख लेने की आवश्यकता है कि इस तरह किसी भी बाबा की बातों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। सोचने वाली बात है कि अगर बाबा के कहने से सब विपदा दूर होती है तो फिर बाबा ने ये घटना होने ही क्यों दी????????

 

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