सावित्रीबाई फुले को 127 वे स्मृति दिन पर श्रद्धांजलि अभिवादन कर याद किया के साथ महिला दिवस मनाया।

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सावित्रीबाई फुले को 127 वे स्मृति दिवस श्रद्धांजलि अभिवादन कर याद किया गया के साथ महिला दिवस मनाया।

सुजाता महिला मंडल शोभापुर कालोनी के तत्वावधान में महिलाओं ने शोभापुर कालोनी बाबा साहेब आंबेडकर प्रतिमा बुद्ध विहार में देश की प्रथम महिला शिक्षिका प्रधान पाठक कवित्री श्रीमती सावित्रीबाई फुले को 10 मार्च स्मृति दिन का 127 वा दिवस पर अभिवादन कर श्रद्धांजलि दी और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। श्रीमती सावित्रीबाई फुले का जन्म 3जनवरी 1831 को हुआ था पिता का नाम खन्दोजी नैवसे और माता का नाम लक्ष्मी बाई था सावित्रीबाई फुले का विवाह 9 वर्ष की उम्र में 13 वर्ष के ज्योतिबा फुले से हुआ था।पति ज्योतिबा फुले ने सावित्री बाई को पढ़ाकर देश की प्रथम शिक्षिका प्रधान पाठक बनी समाज की जातिवादी लिंग भेदभाव रुढ़िवादी परम्परा को तोड़ा था। महाराष्ट्र की कवित्री और समाज सुधारक थी सावित्रीबाई को लिंग जाति आधारित अन्याय व्यवहार को खत्म कर नारी आन्दोलन की स्थापना का श्रेय जाता है। सती प्रथा, बाल-विवाह का विरोध किया, विधवा का पुनः विवाह पक्ष में कार्य किया। स्कूल जाते समय सावित्रीबाई फुले साथ में एस्ट्रा साड़ी ले जाती थी स्कूल में जाते समय स्कूल में महिलाओ पढ़ाने का विरोध करने वाले लोग गोबर कीचड़ फेंकने पर खराब होने पर स्कूल में बदल लिया करती थी। सावित्रीबाई फुले की कोई संतान नही था उन्होंने ब्राह्मण विधवा महिला के बच्चे को गोद लिया था जिसका नाम यशवंत था। जो डाक्टर बना और माता सावित्रीबाई फुले की सेवा में हाथ बटाता था। सावित्रीबाई फुले की मृत्यु 10 मार्च 1897 प्लेग की बिमारी के मरीजों की सेवा करते समय प्लेग की बिमारी प्रभावित होने से सेवा करते हुए 10 मार्च 1897 को मृत्यु हो गई।महिलाओं को समाज की महिलाओं की उपलब्धियों को पहचान तरीकों को विचार करना चाहिए। लड़कियो की शिक्षा और समाज के सभी पहलुओं में लैंगिक पुर्व आग्रह का उन्नमुलन जरुरी है। लैंगिक समस्या पर विचार करना चाहिए। एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध कुल 444256 केस दर्ज हुए है। महिलाएं युवती मासूम बच्चीया कुछ ज्यादा बलात्कार की शिकार हो रही है जम्मू में 8 साल की बच्ची के दुष्कर्म करने वाले के समर्थन मे तिरंगा यात्रा में सम्मान किया था, मंदिर में बलात्कार कर बच्ची की हत्या की गई।उ.प्र. के उन्नाव में पीड़िता की जाति देखकर प्रशासन ने दोषियों को बचाने का प्रयास किया और मीडिया ने जाति देखकर माहौल बनाते है। मनीपुर में दंगाईयों ने महिलाओं को नग्न कर सामुहिक दुष्कर्म की घटना में प्रशासन धृष्टराष्ट्र मुकदर्शक बना रहा यह सब ने टेलीविजन समाचार पत्रों में पढ़ने को मिला है। फिर हम कैसे कह सकते है कि हमारे देश में महिला युवती बच्चियां संरक्षित  लिंग भेदभाव रहित सम्मानित है। सावित्रीबाई फुले के स्मृति दिन और महिला कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रीमती उज्ज्वला पांसे,पुनम सिंह, द्रोपदी चौरासे,कमला आठनेर, गुम्फा आठनेर, जसवंती भुम्मरकर, सुरभि चौकीकर, सुमन गुलाबके निर्मला आठनेर, अंजलि प्रजापति, कविता उबनारे,सरोज लोखंडे आदि लोगों थे। कार्यक्रम का संचालन पुर्व पार्षद संगीता कापसे ने किया।

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