
पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऐतिहासिक धरना, हजारों लोगों की मौजूदगी से सरकार को कड़ा संदेश
पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऐतिहासिक धरना, हजारों लोगों की मौजूदगी से सरकार को कड़ा संदेश
✍️ मोहम्मद उवैस रहमानी
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*पटना* : बिहार की राजधानी पटना में आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, एमारते शरिया बिहार-ओडिशा-झारखंड और अन्य संगठनों द्वारा *वक्फ संशोधन बिल* के खिलाफ एक विशाल धरना आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें कई राजनीतिक दलों के नेता, सांसद, विधायक, उलमा और समाजसेवी भी मौजूद रहे।
*सियासी और समाजी नेताओं का एकजुट विरोध*
इस धरने में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव, सांसद चंद्रशेखर आज़ाद, एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान समेत कई दिग्गज नेता शरीक हुए। इन नेताओं ने वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम समाज के धार्मिक और आर्थिक अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
*धरने का बढ़ता दायरा, सरकार पर दबाव*
विरोध प्रदर्शन को देखकर यह साफ हो गया कि इस बिल के खिलाफ लोगों में गहरा रोष है। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इसे जल्द वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज होगा। धरने में शामिल कई लोगों ने जलियांवाला बाग और शाहीन बाग जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।
*क्या है वक्फ संशोधन बिल और क्यों हो रहा विरोध?*
वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार द्वारा प्रस्तावित यह संशोधन बिल विवादों में घिरा हुआ है। मुस्लिम संगठनों और विद्वानों का मानना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सरकारी दखल बढ़ाने का प्रयास है, जिससे लाखों मुस्लिम समुदाय से जुड़ी संपत्तियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
*अगले कदम क्या होंगे?*
धरने के आयोजकों ने साफ किया कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। यदि सरकार ने बिल वापस नहीं लिया, तो देशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। विरोध के इस स्वर ने केंद्र सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।