
ट्रैफिकिंग की रोकथाम व सुरक्षित प्रवासन के लिए एक मंच पर आए दक्षिण एशिया के संगठन
ट्रैफिकिंग की रोकथाम व सुरक्षित प्रवासन के लिए एक मंच पर आए दक्षिण एशिया के संगठन
ट्रैफिकिंग की रोकथाम व सुरक्षित प्रवासन के लिए संगोष्ठी का आयोजन
बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के ट्रैफिकिंग से पीड़ितों ने किए अनुभव साझा

—समय अधिकार-आधारित रणनीति को अपनाने की आवश्यकता—
श्रीमती गुजरे ने बताया कि एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की पहल पर इस एक दिवसीय संगोष्ठी में समय अधिकार-आधारित रणनीति को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जिससे कि पूरे क्षेत्र में प्रवासन नीतियों का समन्वय किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मानकों के अनुरूप कानूनी और नीतिगत सुधार किए जा सके। इस संगोष्ठी में भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के ट्रैफिकिंग से पीड़ित भी मौजूद थे, जिन्होंने अपनी पीड़ा और अनुभव साझा करते हुए इसकी रोकथाम के लिए सुझाव दिए। बाल अधिकारों और बाल संरक्षण के लिए दुनिया के 39 देश में कार्यरत संगठनों का वैश्विक नेटवर्क “जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन” इस परामर्श का तकनीकी सहयोगी था।
—मानव दुर्व्यापार को रोकने की चर्चा—
ट्रैफिकिंग के खिलाफ तत्काल एक बहु आयामी रणनीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए “जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन” के संस्थापकने कहा मानव दुर्व्यापार भारी मुनाफे वाला एक संगठित अपराध है, जो विशेष रूप से बच्चों और मजबूर युवाओं के शोषण के सहारे फल-फूल रहा है। इससे निपटने के लिए हमें बहुआयामी रणनीति अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें ट्रैफिकिंग के आर्थिक ढांचे को निस्तेनाबुद करना, संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से उनकी कमर तोड़ना, ट्रैफिकिंग गिरोह के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वैश्विक रजिस्टर रखना और इसके माध्यम से स्थानीय राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुफिया समन्वय को मजबूत करने जैसे कदमों की जरूरत है।