मध्यप्रदेश में प्रे-नर्सिंग सलेक्शन काउंसलिंग टेस्ट(pnst) में भ्रष्टाचार का संकेत

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मध्यप्रदेश में प्रे-नर्सिंग सलेक्शन काउंसलिंग टेस्ट(pnst) में भ्रष्टाचार का संकेत 

किरण तायड़े 

भोपाल – मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली PNST (Pre-Nursing Selection Test) 2025-26 की काउंसलिंग को लेकर अखबारों में सुर्खियों में है।इस वर्ष की काउंसलिंग में शासकीय कालेजों की संख्या पहले से

काफी कम कर दि गयी हैं। मध्यप्रदेश में कुल 25 शासकीय नर्सिंग कॉलेज हैं। लेकिन इस साल मात्र 8 शासकीय नर्सिंग कॉलेज ही काउंसलिंग में शामिल किए गए हैं। पीछले वर्ष 16 शासकीय नर्सिंग कॉलेज शामिल किए गए थे परंतु इस वर्ष उनकी संख्या घटाकर आधी कर दी गई हैं। पुरे 25 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की 1860 सिटे होती है लेकिन इस वर्ष सिटे घटाकर मात्र 860 कर दी है। वहीं 196 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को शामिल किया गया है, जिनमे 10745 सिटे है। इन प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजो में से केवल 23 कालेजों को ही INC द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।जो बहुत बड़े भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता हैं।

  विशेष बात यह है कि कुछ शासकीय कालेज जिनके पास इस साल की INC(Indian Nursing Council) की मान्यता प्राप्त हैं, उन्हें भी काउंसलिंग लिस्ट से बाहर कर दिया गया हैं। अगर काउंसलिंग लिस्ट में कालेजों की संख्या बढाई नही गयी तो बहुत सी सिटे खाली रह जायेगी और योग्य विद्यार्थियों को शासकीय नर्सिंग कॉलेजो में प्रवेश का अवसर नहीं मिल पायेगा।

  नर्सिंग कॉलेजो की संख्या बढ़ाने के लिए छात्राओं और शिक्षकों ने एक दिवसीय आंदोलन 6/10/2025 को भोपाल में किया। जिसमें बड़ी तादाद में छात्राओं ने आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका कहना है कि यह निर्णय छात्राओं के भविष्य के साथ अन्यायपूर्वक कदम हैं, और उन्हें सही अवसर से दूर किया जा रहा हैं। छात्राओं ने सरकार से इस विषय पर फिर से विचार करने और सभी शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल करने कि मांग कि हैं। अभी तक इस विषय पर MPNRC(MP Nurses Registration Council) की तरफ से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि वह छात्राओं और शिक्षकों कि चिंताओं को गंभीरता से लें और इस मुद्दे का समाधान निकाले। तभी बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओ का नारा चरितार्थ होगा। विद्यार्थियों और अभिभावकों का कहना है कि शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढाई जाये, ताक सभी गरीब विद्यार्थियों को किफायती शिक्षा का अवसर मिल सकें।मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली PNST (Pre-Nursing Selection Test) 2025-26 की काउंसलिंग को लेकर अखबारों में सुर्खियों में है।इस वर्ष की काउंसलिंग में शासकीय कालेजों की संख्या पहले से काफी कम कर दि गयी हैं। मध्यप्रदेश में कुल 25 शासकीय नर्सिंग कॉलेज हैं। लेकिन इस साल मात्र 8 शासकीय नर्सिंग कॉलेज ही काउंसलिंग में शामिल किए गए हैं। पीछले वर्ष 16 शासकीय नर्सिंग कॉलेज शामिल किए गए थे परंतु इस वर्ष उनकी संख्या घटाकर आधी कर दी गई हैं। पुरे 25 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की 1860 सिटे होती है लेकिन इस वर्ष सिटे घटाकर मात्र 860 कर दी है। वहीं 196 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को शामिल किया गया है, जिनमे 10745 सिटे है। इन प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजो में से केवल 23 कालेजों को ही INC द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।जो बहुत बड़े भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता हैं।
विशेष बात यह है कि कुछ शासकीय कालेज जिनके पास इस साल की INC(Indian Nursing Council) की मान्यता प्राप्त हैं, उन्हें भी काउंसलिंग लिस्ट से बाहर कर दिया गया हैं। अगर काउंसलिंग लिस्ट में कालेजों की संख्या बढाई नही गयी तो बहुत सी सिटे खाली रह जायेगी और योग्य विद्यार्थियों को शासकीय नर्सिंग कॉलेजो में प्रवेश का अवसर नहीं मिल पायेगा।
नर्सिंग कॉलेजो की संख्या बढ़ाने के लिए छात्राओं और शिक्षकों ने एक दिवसीय आंदोलन 6/10/2025 को भोपाल में किया। जिसमें बड़ी तादाद में छात्राओं ने आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका कहना है कि यह निर्णय छात्राओं के भविष्य के साथ अन्यायपूर्वक कदम हैं, और उन्हें सही अवसर से दूर किया जा रहा हैं। छात्राओं ने सरकार से इस विषय पर फिर से विचार करने और सभी शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल करने कि मांग कि हैं। अभी तक इस विषय पर MPNRC(MP Nurses Registration Council) की तरफ से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि वह छात्राओं और शिक्षकों कि चिंताओं को गंभीरता से लें और इस मुद्दे का समाधान निकाले। तभी बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओ का नारा चरितार्थ होगा। विद्यार्थियों और अभिभावकों का कहना है कि शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढाई जाये, ताक सभी गरीब विद्यार्थियों को किफायती शिक्षा का अवसर मिल सकें।

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